~नीतेश यादव
नीले आसमान में श्वेत कपोतों की उड़ान सी,
इंसानियत एवं मासूमियत से परिपूर्ण
ये यात्रा।
समझदार शहरवासियों के लिए,
नौसिखिये ग्रामीणों सी
ये यात्रा।
नव युवती नवल किशोरी के,
आकर्षक पावन यौवन सी
ये यात्रा।
बसंत की बयार में पत्तों के पतझड को,
समेटे फूलों की खुशबू सी महकती
ये यात्रा।
समझदार लुटेरों की दुनिया में,
ईमानदारी से मुस्कुराती सी
ये यात्रा।
दुनिया के स्वार्थी समाज की कसम कस में,
प्यार मोहब्बत भाईचारा सा अपनापन दिखाती
ये यात्रा।
कल्पना से हकीकत में आये स्वप्नदर्शी परिंदों को,
दुनिया का दर्शन कराती
ये यात्रा।
समझदारी से मासूमियत पेश कर,
नया अनुभव सिखाती
ये यात्रा।
मोल के भाव में अनमोल यात्रा के,
आमूल चूल दर्शनों से मिलाती
ये यात्रा।
सफर अभी जैसे पहाड़ों की तलहटी में है,
पर चोटी ऊपर आसमान का दीदार कराएगी
ये यात्रा।
जिस यात्रा के लिए यात्रा है,
उस यात्रा में भी मोहक मनमोहिनी
ये यात्रा।
मुहब्बत के सहारे दिल का दामन थाम
इसके साथ चल दिए हैं,
तो मंजिल तक चलना भी सिखाएगी
ये यात्रा।।
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